Friday, February 1, 2019
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Unknown
March 28, 2019 at 7:00 PM
Badhiya ji
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Deenu bhai pant
ग़लती कन्ने त्रीया बंद रेही दा हा, पाठक इन्ने चाS कन्ने पढ़ा करदे न, जे पुच्छी बैठे, त्रीया बंद कुत्थें ऐ? 3) तेजां भाखड़िया बचारा। कदे...
(no title)
ङार कलावै भरने पौंदे। ठार सिआले ठरने पौंदे। अपना ढंडा आपूं फूकी , जालो खाले जरने पौंदे। जीन दुहारा मूंढै चुक्की सौ सौ मरने करने पौंदे। म...
Deenu bhai pant
दीनू भाई पन्त 'शैहर पैह्लो-पैह्ल गे' दूई किश्त-- 2) सोचां कियां जान छुड़कै, बड्डा भाइया बक्ख गुढकै। मऊ पिट्टै घड़ियें घड़िये...
Badhiya ji
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