Friday, February 1, 2019
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Deenu bhai pant
ग़लती कन्ने त्रीया बंद रेही दा हा, पाठक इन्ने चाS कन्ने पढ़ा करदे न, जे पुच्छी बैठे, त्रीया बंद कुत्थें ऐ? 3) तेजां भाखड़िया बचारा। कदे...
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ङार कलावै भरने पौंदे। ठार सिआले ठरने पौंदे। अपना ढंडा आपूं फूकी , जालो खाले जरने पौंदे। जीन दुहारा मूंढै चुक्की सौ सौ मरने करने पौंदे। म...
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